क्या गांधी हिंदू थे..??
यह फौज की घटना है। आगरा के एयरफोर्स स्टेशन में जन्माष्टमी मनाई जा रही थी.. लोग रात बारह बजे की प्रतीक्षा कर रहे थे कि कृष्ण जन्म लेंगे। साथ ही जैसा कि कस्टम था कि स्टेशन कमांडर को प्रसाद देने के बाद ही फौजी परिवारों में प्रसाद बंटता था।
तो वहां के स्टेशन कमांडर ग्रुप कैप्टन गांधी वहां आये व प्रसाद के लिए कहने लगे कि मैं हिंदू नहीं हूं व मेरे लिए पूजा के आयोजनों में प्रतीक्षा न किया करें। यह फौजी अधिकारी की साफ व सच्ची बात थी और वह ओपनली स्वीकार कर रहे थे कि मैं हिंदू नहीं हूं।
तो क्या गांधी हिंदू नहीं होते..??
मोहनदास करमचंद गांधी एक निजारी इस्माईल मुसलमान थे.. जो कि शिया पंथी होते हैं। क्यूंकि गांधी की माता परनामी धर्म की अनुयाई थी, जिसका जिक्र खुद गांधी ने अपनी जीवनी में किया है।
परनामी धर्म के लोग आजकल आपको कृष्ण भक्ति करते दिख सकते हैं, लेकिन उनका धर्म ग्रंथ ना तो श्रीमद्भागवत गीता है और ना ही श्रीमद्भागवत महापुराण। परनामी लोगों का ग्रंथ है 'कुलजम शरीफ' जो कि उनके गुरु प्राणनाथ ने लिखा था, जिसमें अधिकांश जगह उसने अल्लाह, महमंद का जिक्र किया है। प्राणनाथ भी हिन्दू नाम रख कर इस्लाम को आगे बढ़ा रहा था, तभी तो उसने अपने धर्म को "दीन इस्लाम" कहा है। आज पन्ना में जिस जगह प्राणनाथ का मंदिर है उसे भारत की आज़ादी से पहले तक "दरगाह ए मुकद्दस" कहते थे, जिसे अब अनंत श्री प्राणनाथ जी मंदिर नाम से जाना जाता है।
प्राणनाथ स्वयं को अखरूल इमाम मेहंदी कहता था।
यही नहीं कांग्रेस का चिन्ह जो की पंजा है, इसे चुनने का कारण है कि एक बार एच.के.एल भगत, इंदिरा गांधी को पन्ना के मंदिर लेकर गया था। जहां इंदिरा ने मंदिर के गुम्मट पर पंजे का निशान देखा और भगत के कहने पर उसे कांग्रेस का चुनाव चिन्ह बना लिया। यही पंजे का निशान मुसलमान शिया मज़हब में भी है।
आप गूगल पर श्री 5 पद्मावती पूरी धाम पन्ना और इमामजादाह सलाह, ईरान सर्च करना, दोनों में बहुत से समानताएं मिलेंगी। यदि मुझ पर यकीन ना हो तो किसी परनामी से उसके ग्रंथों और प्राणनाथ के बारे में पूछना सब सच पता चल जाएगा।
तो गांधी एक हिन्दू के भेष में निज़ारी इस्माईल मुसलमान थे.. यदि अब भी यकीन न हो तो आप इस बात पर चर्चा प्रारम्भ कर सकते है। गुगल में *इंसाइक्लोपीडिया* में भी देख सकते हैं।
कांग्रेस और नेहरू ने सनातन वैदिक संस्कृति को समाप्त करने के लिए गुरुकुलों को बन्द करवाया और मदरसों और कन्वेंट स्कूलों की श्रृंखला खड़ी कर दी है।
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